Roza Kholne ki Dua

रमजान के महीने में रोज़े रखना हर एक मुस्लमान का फ़र्ज़ हैं। इसलिए Roza Kholne ki Dua जानना भी जरूरी हो जाता हैं। रोज़े यानि आपको दिनभर कुछ भी नहीं खाना हैं। इस पोस्ट में हम आपको रोज़ा खोलने का तरीका और उसकी दुआ बताएँगे।

इससे पहले की आप जाने की रोज़ा किस तरह खोला जाता हैं, आप रमजान के बारे में जाने। ये उस समय की बात है जब नबी को अल्लाह का दूत नहीं मिला था। नबी मोहम्मद को बोहोत सारे सवालोंके जवाब चाहिए थे, जैसे की इंसान को किसने और किस तरह बनाया। इसलिए वो एक गुफा में बैठ गया। तब अचानक एक दूत गुफा में आगया जिसकी वजह से मोहम्मद घबरा गए। उस दूत का नाम गेब्रियल था। उसने बताया की वो अल्लाह का पैगाम लेकर आय हैं।

उसको देखकर नबी ने गुफा छोड़ी और घर की तरफ भाग गए। उस समय असामना का रंग हरा हो गया था। जब उन्होंने घर जाकर उनकी बीवी को ये घटना बताई, तो उन्होंने उनके एक जानने वाले को ये घटना बताई। उस आदमी ने क्रिश्चियनिटी की कुछ किताबे पढ़ी थी। इसलिए उसने बताया की तुम वही हो जिसके बारे में किताबो में बताया गया हैं। उसने बताया की खुदा ने तुम्हे उसका मैसेज देने के लिए चुना हैं।

जब नबी ने मन लिया की डरने की कोई बात नहीं हैं तब गिब्रैल उन्हें फिर मिला और हर दिन क़ुरान को हिस्सोंमें पेश किया। ये लगभग महीनेभर चला। इसी महीने को रमजान कहा जाने लगा। इसी महीने में क़ुरान मिलने के कारन ये महीना मुसलमानो के लिए बोहोत खास बन जाता हैं।

Roza Rakhne ki Dua

इस महीने में दिनभर आपको कुछ खाना नहीं हैं। इसीको रोज़ा रखना कहते हैं। रोज़ा रखे उससे पहले उसकी नियत करले, क्योंकि नियत के बिना आपका रोज़ा और नमाज़ जायज़ नहीं होगी। जो अच्छी नियत से रोज़ा करता हैं सिर्फ उसीका रोज़ा अल्लाह कबूल करता हैं। अगर बिना नियत के रोज़ा करोगे तो सिर्फ आप भूके ही रह जाओगे। इसलिए ऐसा न करे और सही से रोज़ा की नियत कर ले।

हमने रोज़ा रखने की दुआ और तरीका इसके बारे में एक लग पोस्ट बनायीं हैं जिसे आप जरूर पढ़े। हमने नीच बटन दिया हैं जिसपर क्लिक करने से आप उस पोस्ट पर पहोच जायेंगे।

Roza Kholne ki Dua

आप दिनभर रोज़ा जिस तरह रखते हैं उसी तरह उसे खोलना भी जरूरी हैं। अब हम बताते हैं की किस तरह रोज़ा को खोलना चाहिए। सबसे पहले तो आपको रोज़ा खोलने की दुआ को पढ़ना होगा। इसी दुआ को जरिये हम अल्लाह को याद करते हैं, और ये जताते हैं की हम अल्लाह के लिए रोज़ा कर रहे हैं। इससे रोज़ा कबूल हो जायेगा।

Roza kholne ki Dua in Arabic;

اَللّٰهُمَّ اِنِّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

Iftar ki Dua in Hindi;

अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु

Dua meaning in Hindi;

ये अल्लाह! मैंने तुम्हारे ऊपर भरोसा करके रोज़ा किया हैं और मैंने तुम पर विश्वास किया हैं।

Fajilat

अब हमने आपको रोज़ा खोलने की दुआ दी हैं जिसे आप इफ्तार के समय के बाद पढ़ सकते हैं। रोज़ा खोलते समय यानि इफ्तार करते समय आप पहले दुआ को पढ़े, बाद में खजूर के साथ रोज़ा को खोले।

अब देखते हैं की हदीसे रमजान और रोजे के बारे में क्या बताती हैं। हदीसो में ये दिखता हैं की, अबू हुरैरा फरमाता हैं की नबी ने फ़रमाया की जो मुस्लमान इफ्तार में जल्दी करता हैं उसे अल्लाह पसंद करता हैं। इस हदीस से हमें पता चलता हैं की, आप जब इफ्तार करने बैठे तब आप जितना जल्दी हो सके इफ्तार कर लेना चाहिए। ऐसे करने से आप अल्लाह के रेहमत के हिस्सेदार बनेंगे।

बोहोत सरे लोग रमजान में नेक काम करना चाहते हैं, इसलिए वो कुछ चीजे लोगोंको देते हैं और इफ्तार करवाते हैं। इफ्तार कारवां बोहोत अच्छी बात हैं पर क्या आपको पता हैं की इसका फायदा क्या होता हैं। चलिए हदीसो की रौशनी में देखते हैं। हदीस तिरमिधि ८०७ में जिक्र मिलता हैं की नबी ने बताया की जो कोई रोज़ा खोलने के लिए इफ्तार करवाता हैं, उस आदमी को (जिसने इफ्तार करवाया) रोजेदार जितंना ही सवाब मिलता हैं। इसमें बढ़िया बात हैं की इसमें रोजेदार का सवाब कम नहीं होता। इसलिए आप भी अगर इफ्तार करवा सकते हो तो जरूर करवाईये और अल्लाह का सवाब पाईये।

सहीह बुखारी १९५७ में लिखा हैं की नबी अकरम ने कहा की लोगोंमे तबतक भलाई बाकि रहेगी जबतक वो इफ्तार में जल्दी करेंगे। तो हदीस से पता चलता हैं की इफ्तार में जल्दी करने पर जोर दिया गया हैं। इससे पहले भी इफ्तार में जल्दी का जिक्र मिला था।

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